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श्री शकील अहमद (कांग्रेस प्रवक्ता ) को मोदी जी की लहर पर शंका इस लिए है, क्यों कि मोदी जी के लिए सुरक्छित सीट खोजी जा रही है, और उनको भा ज पा के श्री अडवाणी जी और श्री मनोहर जोशी जी के साथ भारी सहनभूति भी है।
मोदी जी के लिए सुरक्छित सीट की जरूरत नहीं है , बल्कि जहाँ से मोदी जी का आभामंडल देश के लिए सबसे उपुक्त हो, इस पर चिंतन चल रहा है, वरन यदि मोदी जी आप के चुनाव छेत्र से नामांकन भर दें, तो आप को तुरंत अपने लिए सुरक्छित सीट की ब्यवस्था करनी पड जायगी।
श्री संजय सिंह को असम से राज्यसभा सदस्य बनाना, श्रीमती संजय सिंह को सुल्तानपुर से टिकट देना, और उनके तमाम समर्थकों को, विभिन्न पदों पर बहाल करना – यह सब है, सीट को सुरक्छित करना – एक लोकतान्त्रिक पार्टी की लोकतान्त्रिक पध्यति के अनुशार।
कांग्रेस में राहुल जी को सम्भावित प्रधान मंत्री पद का प्रत्याशी बनाने के पीछे क्या कारण है ? आप इससे अनिभिज्ञ है क्या ? न जाने कितने अडवाणी जी और मनोहर जोशी जी के समक्छ,वरिस्ठ एवं अनुभवी लोगों का क्या स्थान है, आप इस से अनिभिज्ञ है ? श्री कामराज जी का प्रकरण याद करना चाहिए।
शकील जी देश, समाज की सही तस्वीर देखनी है, तो “कांग्रेस का चश्मा” आंखो से उतार कर देखें, सब -साफ साफ दिखेगा। जब कि कांग्रेसी चश्मे से केवल एक ही तस्वीर दिखती है – वो क्या, आप भली प्रकार से जानते है/
कहावत है “सूप बोले तो बोले,चलनी क्या बोले, जिसमें 72 छेद “!
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